मोहब्बत
किसी की मोहब्बत इंसान को बहुत कमजोर बना देती है
बहुत बेबस , मजबूर महकूम और मुझे इन सब चीज़ों से हमेशा नफरत थी , मेरे लिहाज से मोहब्बत इंसान को सिर्फ जखम देती है , ये सब जानती थी पर ये सब जान ने के बाबजूद भी तुम मेरी ज़िन्दगी के मरकज़ बन गए
तुमने हमेशा कहा की मुझे देख कर तुम्हें सुकून मिलता है , पर तुम्हारे भटके हुए मन को मैंकभी शांत ना कर पायी . आज मेरे मन में बहुत गुबार है , पर कुछ चेहरे पर नहीं रहा . मेरा गुबार मेरे पछतावे से बातें कर रहा है . मेने कभी सोचा ना था की तुम्हारी ज़िन्दगी का जेहेर में बनूँगी.
मुझे हमेशा तुम्हारी बातें सुनके अच्छा लगता था , चाहे ४ बार क्यों न सुनलूं फेर भी नया जैसा लगता था. वैसे तो मुझे हारना बिलकुल पसंद नहीं पर तुमसे हारना अच्छा लगता था. मजा आता था , आज भी हर गयी , पता नहीं कब तक हारती रहूंगी.
बहुत बेबस , मजबूर महकूम और मुझे इन सब चीज़ों से हमेशा नफरत थी , मेरे लिहाज से मोहब्बत इंसान को सिर्फ जखम देती है , ये सब जानती थी पर ये सब जान ने के बाबजूद भी तुम मेरी ज़िन्दगी के मरकज़ बन गए
तुमने हमेशा कहा की मुझे देख कर तुम्हें सुकून मिलता है , पर तुम्हारे भटके हुए मन को मैंकभी शांत ना कर पायी . आज मेरे मन में बहुत गुबार है , पर कुछ चेहरे पर नहीं रहा . मेरा गुबार मेरे पछतावे से बातें कर रहा है . मेने कभी सोचा ना था की तुम्हारी ज़िन्दगी का जेहेर में बनूँगी.
मुझे हमेशा तुम्हारी बातें सुनके अच्छा लगता था , चाहे ४ बार क्यों न सुनलूं फेर भी नया जैसा लगता था. वैसे तो मुझे हारना बिलकुल पसंद नहीं पर तुमसे हारना अच्छा लगता था. मजा आता था , आज भी हर गयी , पता नहीं कब तक हारती रहूंगी.
तुम्हारे अंदर कुछ तो है जो तुम्हे पहले सा बनादे , पर कुछ तो है जो तुम्हे रोक भी देता है . रोज़ कोशिश की मेने की शयद तुम पहले जैसे होजायो और में रोज़ हर गयी . कभी कभी तो ऐसा लगा तुमने कुछ और कहा और तुम्हारी आँखों ने कुछ और .
अब न तुम्हारी बातें होंगी न आंखें. तुम्हारी ज़िन्दगी का जेहेर अपने साथ लेके जा रही हु . रोज़ तुमसे बात करूंगी पर तुम्हे अब कभी परेशां नहीं करुँगी
खुश रहना, हमेशा हस्ते हुए

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